घुड़ दौड़

काम की घुड़ दौड़ में

ऐसे भागता रहा हूँ कि

खयालात, ज़ज्बात,

लफ्ज़ – ओ – अल्फ़ाज़

और “तुम”

बस सब मेरी

फ़ुरसत के ही मोहताज़ हैं!

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